Training For Teachers

■ How write planning book.
■ प्रार्थना में निच्शित रूप से उपस्थित |
■ प्रार्थना के पश्चात् ३ मिनट तक विधार्थियों में योग्य भावना का निर्माण हो ऐसा वार्तालाप करना जैसे कि महान व्यक्ति के चरित्र कि बातें, अच्छी कहानियाँ इत्यादी |
■ विद्यर्थीओ को रचनात्मक और सर्जनात्मक बनाने के तमाम प्रयास शिक्षणकार्य के दरम्यान ही सम्पन्न करें |
■ प्रत्येक दिन अपने वर्ग के तीन विद्यार्थियों के साथ व्यत्किगत रूप से मिलकर कोई भी शैक्षणिक समस्या का समाधान करें |
■ अपने वर्ग के अथवा विषय के कमजोर विद्यार्थियों को अलग प्रकार से गृहकार्य दें | गृहकार्य कि जाँच प्रत्येक दिन करें | तथा इस कार्य के लिए विद्यार्थी समिति कि रचना करें |
■ शिक्षक समिति की रचना करके शैक्षणिक और बिनशैक्षणिक प्रयोगों को अमल में लाना |
■ विद्यार्थियों को नियमित और सर्वग्राही मूल्याकन करना |
■ परिक्षालक्षी शिक्षण के साधन बनाना जिससे विद्यार्थी परीक्षा को उत्सव के रूप में मनाये तथा उनका डर दूर हो |
■ विद्यार्थीऑ के लिये मूल्याशिक्षण शिक्षण पर विशेष भार दे| मूल्य शिक्षण में सत्य, सदाचार, सादगी, मेहनत, भारती संस्कृती का रक्षण करना इत्यादी सीखने का आग्रह करना |
■ शिक्षक स्वयं शिक्षक है, ऐसी भावना हमेशा रखे |