मैं ज्ञान ज्योत विद्यालय के सम्पर्क में सन् 2011 से आया, जब मैंने अपने दो बच्चों का यहाँ प्रवेश दिलवाया | मैं मूलरूप से बिहार प्रान्त का निवासी हूँ | मेरे बच्चे पूर्णतः हिन्दी भाषा-भाषी हैं| मैं गुजरात की भाषा को लेकर थोड़ा भयभीत था कि मेरे बच्चे गुजराती में क्या समझ पायेंगे | मेरी धारणा निर्मूल प्रमाणित हुई | विद्यालय के कर्तव्य निष्ठ शिक्षकों की देख-रेख और कुशल मार्ग निर्देशन में न सिर्फ गुजराती विषयों में मेरे बच्चों ने अच्छे अंक प्राप्त किए बल्कि कक्षा 4 में प्रथम स्थान, कक्षा 5 में प्रथम, कक्षा 6 में द्वितीय स्थान प्राप्त स्थान | यह सिर्फ न मेरे बच्चों का परिश्रम का फल था बल्कि यहाँ के शिक्षको के सार्थक सहयोग का परिणाम था | वैसे इस विस्तार में कई विद्यालय हैं, लेकिन ज्ञान ज्योत विद्यालय औरों से पृथक है | यहाँ अनुशासन सर्वोपरि है | कुशल प्रबन्धन के कारण विद्यालय के परीक्षार्थियों का 10 वीं एवं 12 वीं बोर्ड का परिणाम अत्युत्तम आ रहा है | समय-समय पर अभिभावक गोष्ठी, मातृसम्मेलन जैसे कार्यक्रम आयोजित कर विद्यालय परिवार अभिभावकों के दिलों पर राज करने में पूर्णतः सफल हुआ है | भविष्य में विद्यालय गुजरात के गिने-चुने विद्यालयकी गणना में अपना स्थान बना लेगा, इसमें तनिक भी सन्देह नहीं है | अन्त में मैं कुछ अपनी भावनाओं को इस प्रकार व्यक्त करना चाहूँगा – “कर सके व्यक्त महिमा इसकी, है शब्द कोई उपयुक्त नहीं , धरती के रज-कण से, हो सका कोई ऋण मुक्त कहीं |” विद्यालय के वेबसाईट पर हम घर बैठे विद्यालय से सम्बन्धित सारी जानकारियाँ प्राप्त कर सकते हैं | आज के समय में इसकी उपयोगिता सर्वविदित है | इसलिए विद्यालय द्वारा संचालित वेबसाईट के कारण भी जन-जन की अकांक्षाओं को पूरा करे और कसौटी पर खरा उतरे | शुभकामनाओं के सहित | अवनीश कुमार पाण्डेय, ए-3,204/शान्तनु रेसीडेन्सी गोडादरा, सूरत
મારો અભિપ્રાય :- ખરેખર જ્ઞાનની જ્યોત પ્રગટાવતી આપની સંસ્થા અને એના કાર્યોને છું બિરદાવું છું. મારા કુટુંબમાંથી ચાર બાળકો આપની શાળામાં ધો-૨,૯,૧૧ અને ૧૨ માં અભ્યાસ કરે છે. આપની શાળા પ્રત્યેનો મારો અનુભવ સંતોષકારક રહ્યો છે. આપની સંસ્થાના સંચાલકશ્રીઓ ,આચાર્યશ્રીઓ તરફથી શાળા અને ખાસ કરીને બાળકોના હિતમાં જે પ્રગતિમય કાર્યો કરવામાં આવે છે તે પ્રશંસાને પાત્ર છે. શાળામાં આવવા-જવાની સરળતા રહે છે. શાળાનો તમામ સ્ટાફ કો-ઓપરેટીવ છે. પ્રાથમિક-માધ્યમિક –ઉ.માધ્યમિક વિભાગના તમામ બાળકોને ટીચર સ્ટાફ તરફથી સંપૂર્ણ સહયોગ આપવામાં આવે છે. ફૂલ ડે સ્કૂલના વિશેષમાં સાયન્સ પ્રવાહના બાળકો પ્રત્યે પુરતું ધ્યાન આપવામાં આવે છે. વિવિધ વિષયના શિક્ષકો તરફથી બાળકોને સચોટ જ્ઞાનનું ભાથું પિરસવામાં આવે છે તે બદલ હું ગૌરવ અનુભવું છું. અભ્યાસની સાથે સાથે ઈતર પ્રવૃત્તિઓ-પ્રયોગો-પ્રવિધિઓ કરાવવામાં પણ શિક્ષકો ભારે જહેમત ઉઠાવે છે. કમ્પ્યુટર શિક્ષણ-લેબોરેટરીમાં થતા વિવિધ પ્રયોગો-રમતગમત ક્ષેત્રે બાળકો પર વિશેષ ધ્યાન આપી એમને પ્રેરણામય શિક્ષણ પુરૂ પાડવા બદલ અભિનંદન. બાળકોનો સર્વાંગીણ વિકાસ થાય એ હેતુથી તમામ વાલીઓએ પોતાના વ્હાલાઓને આપની સંસ્થામાં મૂકવા જોઈએ. ભૌતિક સુવિધાઓની સાથે-સાથે બાળકોનો શારીરિક-માનસિક અને બૌદ્ધિક વિકાસ કરવામાં આપ સર્વેનો સિંહફાળો છે. આપની શાળાને હવેથી ‘આપણી શાળા’ કહેવામાં મને વધુ ગર્વ થાય છે. કારણ કે વાલીઓ સાથેનો આપનો વ્યવહાર-સહયોગ ખરેખર એક પરિવાર જેવો રહ્યો છે. એમાં હું શાળાના તમામ કાર્યકર્તાઓને હું વંદન કરૂ છું. આપણી સંસ્થાની વેબસાઈટ લોન્ચ થવા જઈ રહી છે, એ બદલ સર્વેને ખૂબ-ખૂબ અભિનંદન. જ્ઞાનજ્યોતની પ્રજાતિની જ્યોત વધુને વધુ પ્રજ્વલિત બને એવી અભ્યર્થના. અમારા બાળકો આપણી સંસ્થામાંથી જરૂરથી નામના મેળવી સિદ્ધિના સોપાનો સર કરશે એવો મને વિશ્વાસ છે.
शिक्षा का महत्त्व कक्षा मे स्थान मात्र प्राप्त करने के लिए नहीं होता बल्कि छात्र के जीवन के हर क्षेत्र के चहुँमुखी विकास के लिए महत्वपूर्ण है | यही भावना यहाँ के विद्यालय प्रशासन व शिक्षकों के जेहन में है | यहाँ पर शिक्षकों का विद्यार्थियों व अभिभावकों के साथ सरल व सहज व्यवहार पढाई के माहौल को व्यावहारिक और खुशनुमा बनाकर चरित्र को ऊपर उठाता है | जो कि एक अच्छे समाज व राष्ट्र के निर्माण में सहायक है | आधुनिकता के इस युग में समय का अनुसरण भी अति आवश्यक है | प्रधानमंत्री लाल किले से जब Digital India की बात करते हैं तो ज्ञानज्योत विद्यालय की वेबसाइट व समस्त कार्य को ऑनलाईन करने का कदम सराहनीय ओर बधाई पात्र है | और छात्रों के परिणाम व विद्यालय की गतिविधियों से अवगत होने का सरल और बहु आयामी कदम है | ज्ञानज्योत विद्यालय का एकांकी, सुरक्षित और सहायक वातावरण बच्चे और बच्चियों दोनों के लिए सुवुधाजनक और सराहनीय है | मेरी तरफ से शिक्षकों व समस्त विद्यालय प्रशासन को शुभकामनाएं| सधन्यवाद
विद्यालय नाम सुनते ही बच्चे मे ये भावना जग जाती है कि अब मुझे पढ़ने जाना है | बच्चों की पहली पाठशाला उसका घर होता है और उसका शिक्षक माता और पिता होते है | माता-पिता अपने ज्ञान और विवेक से अपने बच्चों को शिक्षा देते है साथ ही इस ज्ञान से अवगत कराते हैं कि तुम्हे क्या करना है | उसे आगे बढ़ने और अच्छी शिक्षा और ज्ञान के लिए स्कूल मे प्रवेश कराते हैं, जिससे उसको अच्छा ज्ञान और शिक्षा मिले | ‘ज्ञान ज्योत’ जिससे ये आभास होता है विद्या का उजाला और प्रकाश देनेवाला | इस विद्यालय में हमारे बच्चे और बच्चियों को अच्छी शिक्षा और ज्ञान-बुद्वि मिलती है | इस विद्यालय के हर एक नियम और कानून मुझे अच्छे लगते हैं | समय-समय पर बच्चों की पढाई कितनी आगे बढ़ रही है, बच्चे पढाई पर कितना ध्यान दे रहे हैं, इसके लिए विषयवार टेस्ट परीक्षा ली जाती है | इस पद्धति से मै बहुत प्रभावित हूँ | विद्यालय में पढ़ाई के अतिरिक्त बच्चों के स्वस्थ मनोरंजन और ज्ञानार्जन के उद्देश्य से प्रवास का आयोजन किया जाता है, जिसकी हम भूरि-भूरि प्रशंसा करते है | इस विद्यालय की सबसे अच्छी बात तो यह है कि यहाँ बच्चों को अच्छे संस्कार की भावना के प्रति जागरूक कर बड़ों और छोटों का सम्मान करना सिखलाया जाता है | इसी का परिणाम है कि मेरे बच्चे विद्यालय जाने से पूर्व माता-पिता के चरण स्पर्श कर तथा भगवान के सामने शीश झुकाते हैं | भाई-बहन का पावन त्यौहार रक्षा-बंधन है | विद्यालय मे इस त्यौहार को मनाकर बच्चे-बच्चियों को भाई-बहन के रिश्ते से जोड़ दिया जाता है, जिससे कभी भी बच्चे और बच्चियों के रिश्ते में गलत भावना उत्पन्न नहीं हो सकता | विद्यालय के एक नियम मुझे बहुत पसंद है- छुट्टी होने के बाद कक्षा से पहले छात्राओं को तथा बाद में छात्रो को छोड़ा जाता है | विद्यालय का यह नियम सराहनीय है | छात्रों को विशेषरूप से सीख दी जाती है, बाहर का सामान(खाने-पीने का) रिसेस में प्रयोग करने से बच्चें उसकी जगह घर के तैयार किए हुए सामान ही उपयोग करे | परीक्षा की समाप्ति के बाद अभिभावक को बुलाकर छात्रों की उत्तर पुस्तिका दिखलाई जाती है | इससे अभिभावक को अपने बच्चों की प्रगति का सही अंदाजा लग जाता है | उनकी कमियों को दूर करने की दिशा मे वे सचेष्ट हो जाते हैं | मेरे बच्चे अगर प्रगति के पथ की ओर अग्रसर हैं तो ज्ञान ज्योत विद्यालय के शिक्षक और शिक्षिकाए प्रशंसा के पात्र हैं, ऐसा मेरा मानना है | इस विद्यालय की एक और विशेषता का उल्लेख करना आवश्यक है, वह है निर्धन और असहायों की मदद करना | इस दिशा में अभी तक शिक्षकों और छत्रों का किया गया प्रयास सराहनीय है | निर्धन और मेधावी छात्रों के प्रति सदा से ही उनकी सहायता करना विद्यालय की पहली प्राथमिकता रहा है तथा भविष्य में भी रहेगा, ऐसा मुझे विश्वास है |
गोडादरा विस्तार में स्थित ज्ञानज्योत विद्यालय अपनी अतुल्य सेवा तथा ज्ञान प्रदान करके बच्चों के बीच अच्छे गुणों संस्कारों का निरूपण कर रहा है | आप को यह बताते हुए काफी हर्ष हो रहा है कि, पिछले ७ वर्षो से मेरे पाल्य इस विद्यालय में अध्ययन कर रहे है तथा विद्यालय के द्वारा उनके गुणों का विकास हुआ | विद्यालय में तकनीकी शिक्षा तथा शैक्षणिक शिक्षा , शारीरिक शिक्षा , नैतिक शिक्षा आदि बच्चों के बीच प्रदान की जाती है | विद्यालय ने जो अपनी वेबसाईट बनाने का निर्णय लिए वह अत्यंत सराहानीय है | इसके द्वारा बच्चों को विभिन्न प्रकार की जानकारी आसानी से प्राप्त हो जायेगी तथा हम सभी के लिए भी यह अत्यंत आवश्यक है | वर्त्तमान समय में यह संस्था गोडादरा, परवत पाटिया , लिंबायत , डिंडोली विस्तार की एक श्रेष्ठ संस्था के रूप में बढ़कर आगे आ रही है | विद्यालय का वातावरण अत्यंत शिक्षा की दृष्टिकोण से अनुकूल है , जहाँ विद्यार्थी का सर्वागीण विकास हो रहा है | अत: हम सभी का कर्तव्य है कि, विद्यालयकी उत्तरोत्तर प्रगति में अपना योगदान देकर उसके द्वारा किये गए कार्यो का निरीक्षण करते हुए सहयोग प्रदान करे जिससे विद्यालय अपने सफलता के शिखर को प्राप्त कर सके | भवदीप विनोद कुमार सिंह
ज्ञानज्योत विद्यालय परिवार का में कीकासिंह तहे दिल से आभार व्यक्त करता हू , की जिस संस्था ने मेरे बच्चों को शिक्षा के क्षेत्र में एक नई दिशा प्रदान की है | विद्यालय का परिणाम अति संतोषप्रद है | गत वर्षो से देखने को मिला है कि, गोडादरा विस्तार में इस संस्था में खूब प्रगति की है | मेरे बच्चे इस संस्था में गत सात वर्षो से अध्ययनरत है और काफी संतोषजनक सुधार मैंने मेरे बच्चों में देखा है | वेबसाईट शुरू होने के बाबत में भी यह बताना चाहूँगा कि एक अच्छा प्रयास शिक्षा जगत में यह संस्था करने जा रही है | आजकल का ज़माना कंप्यूटरकृत और टेक्नोलॉजी युक्त है और वैबसाइट अर्थात दुनियाभर की जानकारी प्राप्त करना | हम घर बैठे विद्यालय की पूर्णत जानकारी प्राप्त करा सकते है ऐसा विद्यालय का प्रयास प्रशंसनीय है, और आगे भी हम आशा करते है कि विद्यालय परिवार इसी तरह शिक्षा के क्षेत्रों में प्रगति करता रहे इसी तरह अनुशासन बना रहे | धन्यवाद अभिभावक महोदय श्रीमान कीकासिंह
28 मई हिन्दू ह्रदय सम्राट विनायक दामोदर सावरकर जी के जन्म दिवस के ही पवित्र एवं दिव्य दिन की प्रातः सूरत में 28 मई 2006 गोडादरा की प्रजा को एक शिक्षा का मंदिर “ज्ञानज्योत” विद्यालय का शुभारंभ विवेकानंद एजुकेशन ट्रस्ट द्वारा किया गया | कहावत है “पूत के पाँव पालने में ही पहचान लिए जाते हैं”-यही बात विवेकानंद एजुकेशन ट्रस्ट के संस्थापक प्रमुख सदस्य श्री लालजीभाई नकुम के शिक्षकों को उनके शिक्षकों ने कही | मुच्छाली माता के नाम से देश जिस गीजू भाई बधेका को जानता है उसी संस्था से शिक्षा में स्नातक हुए श्री लालजी भाई ने गोडादरा में शिक्षा की ज्योति जला कर ज्ञान के प्रसार का दृढ़ संकल्प लिया | 28 मई 2006 मे स्थापित ज्ञान ज्योत विद्यालय मात्र 9 वर्षोँ में आज 5000 से ज्यादा विद्यार्थी 150 से ज्यादा शिक्षकों से हिन्दी, गुजराती और इंगलिश मीडियम में अध्ययन कर के अपने भविष्य को उज्जवल बना रहे हैं | सूरत में गोडादरा जैसे विस्तार में तीनो माध्यम की उचित एवं श्रेष्ठ शिक्षा एक स्थान पर उपलब्ध कराना अपने आप में साहस का कार्य तो है ही साथ –साथ राष्ट्र की सेवा का भी संकल्प है जिसे ज्ञानज्योत विद्यालय बखूबी निभाकर समाज के प्रति दायित्व का निर्वाह कर रहा है | मै डॉ. प्रेमदान भारतीय स्वयं इस विद्यालय की सोच एवं समाज चिंतन की धारा से परिचित हूँ | मैंने हजारों विद्यालय देखे हैं लेकिन जो काम ज्ञान ज्योत विद्यालय में जिस निष्ठा से, जिस भावना से किया जाता है ऐसे विद्यालय बहुत कम हैं | मै विवेकानंद एजुकेशन ट्रस्ट के सभी सम्मानीय प्रन्यासियो को हार्दिक बधाई देता हूँ कि आपने अपने विद्यालय को आधुनिक तकनीक से जोड़ा, अपनी वेब साईट बनाई | ज्ञान ज्योत विद्यालय के सभी शिक्षकों , जिन्होंने अपनी कर्म निष्ठा से विद्यालय को आज इस स्थान पर पहुंचाया है, श्री लालजी भाई की शिक्षा के प्रति जो संवेदना है उसको मै बधाई देता हूँ | डॉ. प्रेम दान “भारतीय” राष्ट्रीय अध्यक्ष राष्ट्रीय एकता सेना सूरत संपर्क :- 09925606095 Email :- [email protected]
“ज्ञान ज्योत विद्यालय” तीन शब्दों से बना यह नाम मेरे लिए; अपने आप में बहुत ही बड़ा है | यह मेरे जीवन का एक भाग बन चुका है | इसके साथ मेरी बहुत-सी सुनहरी यादें, अनुभव जुड़ा हुआ है | कक्षा 8 में इस विद्यालय में प्रवेश लेने के बाद एक डर-सा था | उसे दूर करने मे विद्यालय के शिक्षक श्री ने बहुत मदद की | शिक्षक श्री उदयभान सर, श्री बिपिन सर, श्री अवधेश सर, श्री ध्रुव सर, श्री मनोज सर, श्री सुनील सर आदि ने आत्म-विश्वास बढ़ाया, आगे की ओर सोचने के लिए अग्रसर किया, गलती होने पर टोंका और सबके साथ अच्छा व्यवहार करना सिखाया | कक्षा 10 पास करने के बाद आगे किस दिशा में कदम बढ़ाये जाये, उसमे भी मार्गदर्शन दिया | साइन्स विभाग में श्री सोमेश्वर सर, श्री सुनील सर, श्री जे.पी. दुबे सर, श्री मनोज सर और श्री कैलाश सर, सभी ने पूर्ण रूप से उत्साह दिया, हमेशां ‘पोजिटिव थिंकिंग’ पर ज़ोर दिया | हम बोर्ड की परीक्षा में किस तरह अच्छे अंकों को प्राप्त करे, उस दिशा मे मार्गदर्शन किया, मोटिवेशनल प्रोग्राम्स आयोजित किये | फिर 15 अगस्त, 2012 को ध्वज-वंदन का अवसर मुझे दिया वो कैसे भुलाया जा सकता है | इस विद्यालय में वो दिन मेरे लिए बहुत ही ख़ास था, एक बहुत ही बड़े सम्मान की बात थी | आप सभी शिक्षक और समस्त विद्यालय परिवार इसी प्रकार सबका मार्गदर्शन करें और सबका भविष्य उज्ज्वल हो इससे बड़ी बात और क्या हो सकती है | एक बार फिर मैं पुरे विद्यालय परिवार का हार्दिक धन्यवाद कहता हूँ, इस विद्यालय का दीपक इसी प्रकार जलता रहे, हर कोने मे प्रकाश फैलाये; यही आशा है |
Gyanjyot Vidyalaya Before 5 years ago, in 2010. When I came to Surat. I got the admission in “ Gyanjyot Vidyalaya” in 9th class and I got 80% in 9th class. But gradually as the time passed “Manoj Sir” the principal of hindi medium said that “I trust you and I know that you will swre good at board examination” This inspired me lot and I decided to study in a better way, as a result I scored good at board and I got 90% and stood first. At the result time I could not believe that I stand first in school. I could get 90% marks in board by the help of all my teachers of “Gyanjyot Vidyalaya” especially with the advice given by “Manoj Sir”. As swred good at board exam, I wanted to choose science stream but the financial condition of me was not so good, so I decided to choose commerce stream. The management (Lalaji Sir) and principal (Manoj Sir) understood my problem and help me to study science and I could choose science stream. I Could never think that I could study science but the help of Gyanjyot Family I could study science so “THANK YOU VERY MUCH GYANJYOT” again in class 11 (I and II semes) and 12( III and IV semes) I could get good percentage by the help of my class teachers :- Manoj Sir, Someshwar Sir, Kailash Sir, Lal-chand Sir, JP Dubey Sir, Shrikant Sir and all. At 12 th standard I got a chance to go picnic in “Akshardhammandir” of Gandhinagar and I enjoyed really. I could never forget this trip. It all could becomes possible by the help of “Gyanjyot Family”. Once again I want to thank Gyanjyot for making me good at study now I am studing in Dr. S. & S.S. Government engineering College of Surat.